यह किसको लिखना है यह भी पता नहीं है ।,लेकिन क्योंकि यह सर्दी की सुबह है ,बहुत बादल है ,बहुत सर्दी है थोड़ी घबराहट सी होती है ,के कुछ बातें अनकही ना रह जाए जिंदगी में ,इसी वजह से यह लिख रहा हूं कौन पढ़ेगा मालूम नहीं इसका असर कहां होगा यह भी नहीं मालूम बस लिखे जा रहा हूं।
जो भी काम में टेंशन करें उसमें उसको खुशी मिले जिंदगी का यही सार होना चाहिए ज्यादातर काम जो है वह मजबूरी में इंसान करता है क्योंकि अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए यह जरूरी होता है लेकिन इसमें खुशी के अंश बहुत कम होते हैं और सिर्फ जीवन यापन का एक जरिया बनकर हम रह जाते हैं हमारा काम बस जीवन यापन का एक जरिया बन के रह जाता है।
पर जब यह मजबूरी नहीं होती और परिवार अपने आप में सामर्थ्य और निपुण हो जाता है तो हमें खुशी की तरफ बढ़ना चाहिए वह कार्य करने चाहिए जिसमें खुशी हो और आत्मा को थोड़ी प्रकाश में जिंदगी मिले।
यही मूल होना चाहिए जिंदगी जीने का अजीब सी उलझन थी इसीलिए यह लिखा है मालूम नहीं इसे कौन पड़ेगा लेकिन क्योंकि हम इतना कुछ लिख दिया है और बहुत सारे लोगों का दिमाग इस तरह सुबह-सुबह काम करता होगा एक पूर्व निश्चित दिशा जीवन को मिलनी चाहिए जिसमें खुशी हो और मानसिक संतुलन बना रहे और कुछ नहीं।